यमुना नदी जहरीले झाग की मोटी परत से ढकी हुई है। यमुना में झाग अमोनिया के स्तर में वृद्धि के कारण पैदा हुए है |
नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता मनोज तिवारी ने सोमवार को छठ पर्व के दौरान यमुना नदी में नाव पर सवार होकर नदी प्रदूषण पर दिल्ली सरकार पर निशाना साधा। तिवारी उस नाव की सवारी करते नजर आ रहे हैं जिसमें यमुना नदी जहरीले झाग की मोटी परत से ढकी हुई है। यमुना में झाग अमोनिया के स्तर में वृद्धि के कारण है, जिससे राष्ट्रीय राजधानी के कई हिस्सों में पानी की आपूर्ति भी प्रभावित हुई है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सरकार पर तंज कसते हुए पूर्वोत्तर दिल्ली से भाजपा सांसद ने कहा, "दिल्ली सरकार को बढ़ते जल प्रदुषण की कोई की परवाह नहीं है। दिल्ली सरकार लोगों के घाटों पर आने पर रोक लगाती है लेकिन सफाई के झूठे दावे करती है। सुप्रीम कोर्ट को इस मामले पर स्वत: संज्ञान लेना चाहिए।"
छठ पूजा एक भारतीय त्योहार है जो बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोगों द्वारा दिवाली के बाद मनाया जाता है। इसमें महिलाओं को घुटने तक के गहरे पानी में सूर्य देव को उपवास करके 'अर्घ्य' देना होता है।
तिवारी ने कालिंदी कुंज में यमुना घाट का दौरा किया और कहा कि केजरीवाल सरकार ने यमुना किनारे पर छठ पर प्रतिबंध लगा दिया ताकि नदी की सफाई में अपनी "विफलता" को छुपाया जा सके।
उन्होंने आरोप लगाया, "केजरीवाल डीडीएमए के आदेश और यमुना में अमोनिया के उच्च स्तर को कवर करके लोगों को गुमराह कर रहे हैं। उनका एकमात्र उद्देश्य पूर्वांचली समुदाय के विश्वास को ठेस पहुंचाना है।"
29 अक्टूबर को, दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने भक्तों को राष्ट्रीय राजधानी में निर्दिष्ट स्थानों पर छठ पूजा करने की अनुमति दी थी, लेकिन यमुना नदी के तट पर उत्सव पर प्रतिबंध लगा दिया था। हालांकि, दिल्ली भाजपा नेतृत्व ने डीडीएमए के फैसले पर आपत्ति जताई। तिवारी ने कहा था कि वह यह जानकर "स्तब्ध" हैं कि छठ उत्सव के दौरान भक्तों को यमुना के तट पर पूजा करने की अनुमति नहीं है।
शहर भर में 1,000 से अधिक छठ घाट हैं, जिनमें से 10-15 प्रमुख घाट यमुना के किनारे स्थित हैं। शहर के अधिकांश छठ भक्त यमुना किनारे छठ घाटों पर जाते हैं। कल तिवारी समेत भाजपा के कई नेताओं ने यमुना घाट पर पूजा-अर्चना कर छठ पूजा की तैयारियां शुरू कीं।
आप विधायक और दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने दावा किया कि 150 एमजीडी पानी जिसका ट्रीटमेंट नहीं किया गया था, वह हरियाणा और उत्तर प्रदेश से यमुना में छोड़ा गया , जिससे यमुना नदी ज्यादा प्रदूषित हुई और सतह पर झाग तैरते हुए दिखाए दिए।
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